Friday 17 November 2017

वर्कशॉप














                                1) वळण: -उत्पादनाचा अर्थ म्हणजे जर लाकडासारख्या वस्तू, धातू कमी झाले तर त्याला जाडी म्हणतात. आम्ही साधन वापरतो आणि लाकूड आणि धातू मध्ये एक डिझाइन करा.
2) कंटाळवाणे: - आम्ही भोक साधने वापर आणि भोक आकार वाढवा.
3) न्युरललिंग: - धातूमध्ये एक पकड बनविण्यासाठी knurling साधन वापरा




4) निमुळता होत गेलेला तुकडा: - कातकाम यंत्रात धातू व थ्रेडिंग टॅप करण्यासाठी टॅप सेट वापरा.

 प्रतिमा:-


लेथ मशीनचा भाग: -बेलट ड्राइव्ह, गियर बॉक्स, हेड स्टॉक, तीन जबडा चक, जॉब, टूल्स, स्पिंडल, चक, लीड स्क्रू, हँडल, टेअर स्टॉक, बेड इ.                                
दिनांक: -18 जुलै 2017
लेथ  मशीन: -
1) वळण: -उत्पादनाचा अर्थ म्हणजे जर लाकडासारख्या वस्तू, धातू कमी झाले तर त्याला जाडी म्हणतात. आम्ही साधन वापरतो आणि लाकूड आणि धातू मध्ये एक डिझाइन करा.
2) कंटाळवाणे: - आम्ही भोक साधने वापर आणि भोक आकार वाढवा.
3) न्युरललिंग: - धातूमध्ये एक पकड बनविण्यासाठी knurling साधन वापरा.
4) निमुळता होत गेलेला तुकडा: - कातकाम यंत्रात धातू व थ्रेडिंग टॅप करण्यासाठी टॅप सेट वापरा.


खर्च: -1००४ 













उद्देश्य - साइट बांधणीत वेगवेगळ्या प्रकारच्या ब्रिकेटची व्यवस्था शोधणे



सामग्री - विटा, सिमेंट, वाळू, पाणी



टूल्स - टेप, बाउल, लेव्हल ट्यूब, स्पिरिट लेव्हल, फुरंग बॉब, मार्किंग रस्सी मोजणे.



फ्लेमिश बाँड - हे बाँडचे हेडर्स दरम्यान एक स्ट्रेचर आहे, ज्याचे हेडर्स खालीलप्रमाणे स्ट्रेचरवर केंद्रित आहेत.
हेडर बाँड - या बाँडमधील सर्व विटा हेडर आहेत, परंतु तीन-चतुर्थांश बॅटच्या दुहेरी-निर्मितीच्या नामासाठी प्रत्येक सलग अधोलेख अर्धे हेडरने ऑफसेट करते.

Header bond is often used on curving walls with a small radius of curvature. In Lewes, Sussex, England UK many small buildings are constructed in this bond, using blue coloured bricks and vitrified surfaces.
Stretcher Bond - All bricks in this bond are stretchers, with the bricks in each successive course staggered by half a stretcher. Headers are used as quoins on alternating stretching courses in order to achieve the necessary off-set.

It is the simplest repeating pattern, and will create a wall only one-half brick thick. Such a thin wall is not stable enough to stand alone, and must be tied to a supporting structure. This practice is common in modern buildings, where stretcher bonded brickwork may be the outer face of a cavity wall, or the facing to a timber or steel-framed structure.

f English Bond - This bond has alternating stretching and heading courses, with the headers centered over the midpoint of the stretchers, and perpends in each alternate course aligned. Queen closers appear as the second brick, and the penultimate brick in heading courses. A muted colour scheme for occasional headers is sometimes used in English bond to lend a subtle texture to the brickwork. Examples of such schemes include blue-grey headers among otherwise red bricks—seen in the south of England—and light brown headers in a dark brown wall, more often found in parts of the north oEngland.
Rat Trap Bond - Rat-trap bond substantially observes the same pattern as Flemish bond, but consists of rowlocks and shiners instead of headers and stretchers. This gives a wall with an internal cavity bridged by the rowlocks, hence the reference to rat-traps.
आम्ही वापरलेल्या विटा होत्या 9 * 4 * 3






थ्रेडिंग आणि टॅपिंग.



                             


  ध्येय: - ट्रेडिंग आणि टॅपिंग बद्दल जाणून घेण्यासाठी
 
  

 गरजेनुसार: - 18 मिमी ते 12 मिमीच्या ऑरेंजचे एक बार घ्या,
  कार्यपद्धती: -
                       थ्रेडिंग: -वापरल्या जाणार्या मरणासंदर्भात परत 

जाण्यासाठी थेंब करण्यासाठी श्रेणीनुसार वायूच्या उप-वापरासाठी रॉड लावा.

               टॅपिंग: - कामावर योग्य आकाराचे ड्रिल भोक. आवश्यक छिद्र 

आकाराचे मोजणे आवश्यक आहे टॉप श्रेणी फिट करण्यासाठी लाइट ड्रिल 
करता येते .ज्या आकाराचे ते आहे त्यापेक्षा जास्त आकार मग दाईचा 

मीटर छेद असतो, या टॅप रेंजपेक्षा कट ऑफ खोल लहान आहे. तेल हे 

स्नेहन आणि कूलिंगसाठी वापरले जाते, हे लक्षात येताच आपण तेल 

वापरतो. ते तेल सुरळीतपणे फिरवण्यासाठी वापरण्याने ते घट्टपणे 

फिरवत नाही

  
प्रतिमा:-






no title) थ्रेडिंग आणि टॅपिंग.                                 ध्येय: - ट्रेडिंग आणि टॅपिंग बद्दल जाणून घेण्यासाठी     






थ्रेडिंग आणि टॅपिंग.                                 ध्येय: - ट्रेडिंग आणि टॅपिंग बद्दल जाणून घेण्यासाठी       गरजेनुसार: - 18 मिमी...





















मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से [w]

आधुनिक 'सेन्टर लेथ'
c या खराद एक मशीनी औजार है जो अक्ष के सममित (सिमेट्रिक) रचना वाले सामान बनाने के काम आती है। इसमें धातु का पिण्ड एक अक्ष पर घूर्णन करता रहता है और काटने, छेद करने एवं अन्य क्रियाएँ करने वाले औजार इस पर आवश्यकतानुसार लगाकर इसे उचित रूप दिया जाता है। खराद (Lathe) एक ऐसा यंत्र है जिस पर गोल अंशों को तैयार किया जाता है।

परिचय

हाथ के किसी उपकरण (औजार) से किसी चीज को इच्छित गोल रूप में नहीं लाया जा सकता। इसलिए इसको खराद में बाँधा जाता है, जो इस चीज को घुमाता रहता है। तब औजार से इस पर काम किया जाता है। जिस मशीन से यह सब काम लिया जाता है उसी को खराद कहते हैं।

सरल खराद की संरचना


सन् 1911 की एक धातुकार्मिक खराद मशीन के विभिन्न अवयव : a = bed, b = carriage (with cross-slide and toolpost), c = शिरोदण्ड (headstock), d = back gear (other geartrain nearby below drives leadscrew), e = cone pulley for belt drive from an external power source, f = faceplate mounted on spindle, g = tailstock. h = नेतृभ्रमि (leadscrew)
चित्र में एक सरल खराद दिखाया गया है। खराद के बाईं ओर इसका शिरोदंड (Head stock) है, जो तैयार होनेवाले अंग को पकड़ने और घुमाने का काम करता है। शिरोदंड में एक खोखला तकला (Spindle) है जो दो  (Bearings) पर घूमता है। दोनों धारुकों के बीच में तकले पर एक पद घिरनी (Steps pulley) होती है, जिसपर प्राय: तीन पद (steps) होते हैं, इन्हीं पदों से शिरोदंड की ईषा (shaft) की गति को बढ़ाया और घटाया जा सकता है। इसी प्रकार की एक घिरनी उस धुरी पर भी होती है जिससे मोटर द्वारा इस खराद को चलाया जाता है। घिरनी के ऊपर के पट्टे को घिरनी के एक पद से सरकाकर दूसरे पद पर लाने से खराद की गति बदली जाती है। तकले के बाएँ किनारे पर दाँतोंवाले चक्र होते हैं, जिनको (Gears) कहा जाता है। इनके द्वारा खराद की नेतृभ्रमि (Leading screw) चलाई जाती है। किसी अंग परकाटने के लिये नेतृभ्रमि का उपयोग आवश्यक है। और इसी से उपकरण स्तंभ (Tool post) अपने आप चलता है। जिस प्रकार की चूड़ी काटनी होगी उसी प्रकार का उपकरण प्रयोग में लाया जाएगा, परंतु प्रति इंच में चूड़ियों की संख्या दंतिचक्रों द्वारा व्यवस्थित की जाएगी। तकले के दाहिने किनारे पर खराद का चक (Chuck) होता है। इससे उस चीज को पकड़ते हैं जिसपर काम करना होता है।
चक प्राय: दो प्रकार के होते हैं:
  • (१) तीन जबड़ों वाले चक, जिसके एक जबड़े (Jaw) के घुमाने से सब जबड़े काम करते हैं। इस चक में गोल चीजों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
  • (२) चार जबड़ों का चक, जिसका हर जबड़ा अलग-अलग काम करता है। यह असममित माप की वस्तु को पकड़ने के लिए उपयोगी होता है। इस प्रकार खराद का पहला भाग शिरोदंड है, जो किसी अंग को ठीक प्रकार पकड़ने और उसको घुमाने का काम करता है और साथ ही साथ उन दाँतोवाले चक्रों को भी घुमाता है जिससे खराद की ईषा (Shaft) मिलती है।
शिरोदंड के पश्चात्‌ का उपकरण स्तंभ है। यह स्तंभ उपकरणों को पकड़ने और उनको ठीक स्थिति में रखने के काम आता है। इसमें दो चक्र होते हैं, जो हाथ से चलाए जाते हैं। एक चक्र से स्तंभ को खराद की लंबाई में चलाया जाता है और दूसरे चक्र से उपकरण को खराद की चौड़ाई में आगे पीछे किया जाता है। इसलिए बड़े चक्र से उपकरण की काट (cutting) की गति और छोटे चक्र से काट की गहराई को स्थिर किया जाता है। अत: उपकरण स्तंभ का काम किसी वस्तु पर ठीक प्रकार की काट लगाना है।
खराद के दाहिने किनारे पर पुच्छदंड (Tail stock) होता है, जिसका काम शिरोदंड की सहायता करना है; जैसे, यदि किसी लंबी वस्तु पर काम करना है और उसको केवल चक में ही पकड़ा जाय तो बल पड़ने पर वस्तु झुक जायगी। इसलिए ऐसी वस्तु के दूसरे किनारे के बीच छेद बनाकर पुच्छदंड के केंद्र से जमा देते हैं, तब यह वस्तु इस केंद्र पर भी घूमती रहती है। इसके कारण इसके झुकने का डर नहीं होता।

आकार

किसी खराद का आकार उसपर काम करनेवाले अंगों के नाम से माना जाता है। यदि हम कहें कि खराद का आकार १२ x ६० इंच है, तो इसका मतलब हुआ कि इस खराद पर सबसे बड़ा कृत्यक (job) १२ इंच व्यास का और ६० इंच लंबाई का बाँधा जा सकता है। इस प्रकार की खराद को फलकी खराद (Bench Lathe) कहा जाता है। यदि शिरोदंड के चक के नीचे खराद में अधिक स्थान छोड़ दिया जाए, जिसके कारण खराद के आकार से बड़े काम को उस पर बाँधा जा सके, तो उसको अंतराल खराद (Gap Lathe) कहा जायगा।

खराद पर कृत्यक (job) को बांधना

खराद पर किसी वस्तु (कृत्यक) को बाँधने की तीन रीतियाँ हैं:
(१) चक और पुच्छदंड के केंद्रों पर वस्तु को बांधना वस्तु के दोनों किनारों के व्यास के बीच छेद बनाकर, दोनों दंडों के केंद्रों पर चढ़ाकर कस दिया जाता है। यह कसाव पुच्छदंड के चक्र को घुमाने से होता है। काम की लंबाई के अनुसार पुच्छदंड को आगे पीछे किया जा सकता है।
(२) काम को चक में बाँधना और
(३) मुखपट्ट पर काम को बाँधना।
जैसा काम होता है, वैसी ही रीति का उपयोग होता है। शिरोदंड का तकला खोखला होने के कारण लंबी छड़ों को पकड़ने में सुविधा होती है। पुच्छदंड का काम केवल काम को संभाले रखना ही नहीं, बल्कि छेद करना और भीतर के व्यास को बड़ा करना भी है।

खराद से किये जाने वाले कार्य

खराद पर कई प्रकार के काम किए जाते हैं। किसी वस्तु को गोल करना और उसको एक विशेष व्यास का बनाना, चूड़ी काटना, किसी वस्तु पर ढलाव बनाना, छोटे छेदों को बड़ा करना, भीतर के व्यास को बढ़ाना तथा इसी प्रकार के अन्य दूसरे काम किए जाते हैं।
वस्तु पर पहले गहरी काट (cut) लेकर उसको नाप से कुछ ही ज्यादा रख लिया जाता है। इसके पश्चात कम काट लेकर काम को उसके ठीक नाप पर लाया जाता है। हर प्रकार की काट के लिए अलग-अलग उपकरण होते हैं। जिस प्रकार का काम करना हो उसी प्रकार के उपकरण को खरीद में लगाना पड़ता है। चूड़ियाँ काटने के लिए उपकरण उसी रूप का बनाया जाता है जिस रूप की चूड़ी होती है।

खराद पर काम करना

खरादें कई प्रकार की होती हैं जिनको यहाँ बतलाना कठिन है, परंतु हर खराद के काम करने का नियम वही है जो ऊपर बतलाया गया है। खराद पर काम करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक है। खराद को चलाने से पहले उसको साफ करना और उसके सब अंगों को तेल देना लाभदायक तथा आवश्यक है। तेल देने से खराद का हर भाग अच्छा काम करता है। जिस वस्तु पर काम हो रहा है वह काट लगने से गरम हो जाती है। यदि इसको ठंढा नहीं किया गया तो उपकरण भी गरम हो जायगा और उसकी धार नष्ट हो जाएगी। इससे धातु को काटने में कठिनाई होगी और धातु भी ठीक नहीं कट पाएगी। इसलिए धातु काटने के साथ-साथ उस पर तेल भी दिया जाता है। एक तो यह तेल उपकरण के काम में सुविधा करता है और दूसरे धातु को ठंढा रखता है। यह तेल खास तौर से इसी काम के लिये बनाया जाता है। इस कार्य के लिए साबुन को पानी में घोलकर भी कम में लाया जाता है।
यह भी देखा गया है कि खराद पर काम करने वाले का कोई कपड़ा खराद के किसी चलनेवाले भाग में फँस गया और इसके कारण दुर्घटना हो गई। इसलिए ढीले कपड़े पहनकर खराद पर काम करना ठीक नहीं है। खराद के चलनेवाले सब अंगों पर भी कोई रोक लगाना आवश्यक होता है। धातु काटनेवाले सब उपकरणों को तेज करते रहने से अच्छा काम होता है। कम गहरे और छोटी काट लेने से काम का रूपक अच्छा होता है।
कुछ कारखानों में खरादों को चलाने के लिए ऊपर की ओर एक धुरी लगाई जाती थी, जिसको इंजन से चलाया जाता था। इस धुरी पर कई घिरनियाँ लगाई जाती थीं और हर घिरनी से एक खराद चलती थी। इस प्रणाली के उपयोग से कई कठिनाइयाँ होती थीं, एक तो यह कि यदि एक या दो खरादें चलाना हो तो भी उसी शक्ति का इंजन चलाना पड़ता था जो सब खरादों को एक साथ चलाने के लिए प्रयुक्त होता। इससे खरादों को चलाने में अधिक लागत आती थी। दूसरे, यदि इंजन में कोई खराबी आ गई तो सब खरादों का काम रुक जाता था। तीसरे, इससे दुर्घटनाएँ भी अधिक होती थीं। इसलिए आजकल इस प्रणाली का प्रयोग नहीं किया जाता। अब हर खराद के साथ उसकी अपनी मोटर आती है, जिसको जब भी आवश्यक होता है चला लिया जाता है। इस प्रकार हर खराद की शक्ति उसके साथ अलग रहती है।








पेंटिंग

दिनांक: -17 सप्टेंबर 2017

ध्येय: पेंटिंग जाणून घेण्यासाठी
आवश्यकता: ब्रश, बकेट, रंग, पाणी, पोलिश पेपर, लहान, इ

प्रक्रिया:
            पोलिश पेपरचा वापर करून ती जागा स्वच्छ करा.
रेखाचित्र क्षेत्र मोजा.
आवश्यक पेन्टची गणना करा. चित्रकलासाठी योग्य ब्रश निवडा.
केरोसिनमध्ये ब्रश स्वच्छ करा.
रंग बारीक करण्यासाठी लहान वापरा
मग रंगवा.
रंग थेंबांपासून संरक्षण करण्यासाठी क्षेत्राला झाकून द्या
चित्रकला केल्यानंतर केरोसिनसह ब्रश स्वच्छ करा.

महत्त्वाचे मुद्दे:
  रंग मिक्सिंग & रंगाचे प्रकार
 / 15 टू 20 मीटर चौरस
एल्युमिनियम / 50 एम एसक्यू
तेल पेंट / 4 टो 5 एम एसक्यू
एपेक्स /5 एम एसक्यू

सिमेंट रंग / 4 एम एसक्यू
निष्कर्ष:

कार्यस्थानाची साफसफाई करणे व मोजणे फार महत्वाचे आहे
योग्य ब्रश निवडणे चांगले परिणाम देते.
काम पूर्ण करणे


प्रतिमा:-

प्लायवूड वर सनमायका चीत्कावने.

दिनांक: -30 ऑगस्ट

आमचे ध्येय: - प्लायवुड वर  सनमायका चीत्कावने.

आवश्यकता: - प्लायवूड, सनीमाका,  फिकेकॉल, स्टूल, सर्व सुतारकाम उपकरण.

कार्यपद्धती: - सनमेका निश्चित करण्यासाठी लाकडी पेटी बनवा.
                   कट वापरुन आवश्यक आकारासाठी कट प्लायवुड
                   आवश्यक आकारासाठी सूयोरी कट करा
                   फहीविओलला प्लायवुडचा वापर करा आणि त्यावर धूप ठेवा
                   वजनाच्या किंवा लहान नखाने आणि अॅब्रे टेपवर सनीमिका ठेवण्यासाठी ते प्लािक्स पर्यंत ठेवा.
                   
निरीक्षण: -  कटिंग आणि हाताळणीची काळजी आणि युक्त्या
                       कापणे आणि प्लायवुड हाताळताना काळजी घ्या.
                       प्लायवुड सह सनमायका  ठेवण्यासाठी युक्त्या.

परिणाम: - आम्ही काही काळानंतर सूर्यप्रकाश पूर्णतः प्लायवूडसाठी स्टिक तयार करतो.

प्रतिमा:-

























लेथ मशीन
दिनांक: -18 जुलै 2017


लेथ  मशीन: -
1) वळण: -उत्पादनाचा अर्थ म्हणजे जर लाकडासारख्या वस्तू, धातू कमी झाले तर त्याला जाडी म्हणतात. आम्ही साधन वापरतो आणि लाकूड आणि धातू मध्ये एक डिझाइन करा.
2) कंटाळवाणे: - आम्ही भोक साधने वापर आणि भोक आकार वाढवा.
3) न्युरललिंग: - धातूमध्ये एक पकड बनविण्यासाठी knurling साधन वापरा.
4) निमुळता होत गेलेला तुकडा: - कातकाम यंत्रात धातू व थ्रेडिंग टॅप करण्यासाठी टॅप सेट वापरा.

 प्रतिमा:-


लेथ मशीनचा भाग: -बेलट ड्राइव्ह, गियर बॉक्स, हेड स्टॉक, तीन जबडा चक, जॉब, टूल्स, स्पिंडल, चक, लीड स्क्रू, हँडल, टेअर स्टॉक, बेड इ.
खर्च: -1,10,000














वीट बनवणे

साहित्य :- वाळू ,सिमेंट ,थर्मोकोल

साधने :-घमेल ,फावडे ,थापी ,वीट साचा मशीन .

कृती :-पहिले खडी व वाळूयांचे प्रमाण काढून घेतले त्यांचे मिश्रण करून . ते वीट मशीन मध्ये थोडे टाकले वरून पुन्हा सिमेंट टाकले व त्यात लाकडी भुसा मिक्स करून तो साचात दाबून बसवला .थोड्या वेळाने सुकायला ठेवली .

प्रमाण :- १)वाळू :- ४ घमेला  / १ घमेला ७ लिटर                            

             २)खडी :- २ घमेला  / १ घमेला ७ लिटर 

             ३ )पाणी :- २ लिटर              



फनेल तयार करणे

उद्देश्य: - टिन पत्रक वापरा आणि त्यास परिपूर्ण मापन करा, नंतर त्यावर काढा आणि नंतर कट करा.

गरज: - टिन पत्रक

साधने: - मोठ्या कात्री, हातोडा, स्केल, पेन्सिल आणि सोल्डरिंग इ

कार्यपद्धती: -
प्रथम एक टिन पत्रक घ्या मग दिलेल्या नमुन्यांनी एक आकृती काढा.

आकृतीच्या आकारात टिन पत्रक कट करा.

मग शीटमध्ये सामील व्हा.

मिलाप जोडणी केल्यानंतर, मिलाप मीटरला जखम करणे.

मग गोल आकार मध्ये त्याच्या खालच्या भाग कट
उपयोग: - केरोसीन टाकण्यासाठी आम्ही हे खूप वापरतो
           आम्ही छोट्या छिद्रावर पातळ पदार्थ ओतून ते वापरू शकतो.

फेरो सिमेंट शीट

आमचे ध्येय: - फेरो सिमेंट शीट तयार करणे.

गरज: - उपकरण व उपकरणांचे बांधकाम साधन वेल्डिंग मशीन शेअरिंग मशीन.

साहित्य: - वाळू, सिमेंट, पाणी, वेल्डमेष  जाळे, चिकन जाळी, 6 मिमी तोर्षण बार, जी आय तार 26 गेज इ.

कार्य: - तयार करण्याची  निवडा. 45 * 45 सें.मी. फेरो सिमेंट शीट बनवा (आपण स्थानिकरित्या उपलब्ध  आणि गरजेनुसार वेगवेगळ्या आकाराची निवड करू शकता.)
                  1) 45 सेमी लांबीच्या 4 तुकड्यांमध्ये 6 मि.मी. व्यासाचा रॉड कट करा.
                  2) फ्रेम 45 * 45 सें.मी. आकार तयार करण्यासाठी या दांडा लावा
                 3) कट चिकन जाळी आणि वेल्डिंग जाळी 45 * 45 सें.मी. आकारमान
                4) चिकन जाळी 1 इंच भोक किंवा 12 गेज.
                5) वेल्डमेष जाळी 1 इंच * 1 इंच भोक आणि 2.5 * 3 मि.मी.
                6) जी.आय. तार वापरून फ्रेममध्ये चिकन जाळी आणि वेल्डिंग मेष बसवा.
               7) एक  मॉलटर तयार करा (1: 3 सिमेंट: वाळू मिश्रण)
               8) फ्रेम आकारापेक्षा आकाराच्या जमिनीवर पेपर ठेवा.
               9) कागदावर रॉड फ्रेम लावा
               10) फ्रेमवर मोर्ट लावा.
                11) थापी वापरुन ते  त्याचावर लावा.

निरीक्षण: -आम्ही पुढच्या दिवशी हे पाहतो की आपली पत्रक व्यवस्थित ठीक आहे

प्रतिमा:-
एल संधा टी संधा

वापरले आयटम: - लाकूड, एकसो


सामुग्री: - करवत, पटाशी

प्रक्रिया: -
              प्रथम आम्ही 4 लाकडाचे तुकडे घेणार आहोत. आपण जे आकार देऊ इच्छितो, ते आम्ही करतो.



एल-संध: -

              प्रथम एक चौरस आकार लाकडी सणेच्या सहाय्याने हे कट करा, एलच्या आकारामध्ये एक बाजू बनवा एल आकार जरा फुजीर ठेवा.व ते एकमेकात एल  आकारात बसलं असा बनवा.

टी-संधा: -
                एक लाकडी तुकडा घ्या तो मोजा मग तो कट करा तो असा कट करा कि ते येक्माकात बरोबर अडकतील
बिजारी बद्दल माहिती


  ध्येय: - विविध बिजागीरीचे  प्रकार अभ्यास करण्यासाठी.










  गरजेनुसार: - आकृतीमध्ये दर्शविल्या प्रमाणे वेगवेगळ्या प्रकारचे टिका (टाकरी बिजागिरी, प्लेट बिजागिरी , टी-बिजागिरी, संसद बिजागर.)



   प्रक्रिया: - दरवाजा आणि खिडकीच्या आकारानुसार आकार आणि आकार यावरील अस्तिलांचा आकडा करा.
                  दरवाजे. छिद्रे तयार करून  करा.


   खबरदारी: - स्क्रूच्या आकारापेक्षा मोठ्या आकाराच्या छिद्र नका. कसकर स्क्रूवर जाऊ नका .प्रेषित हातोडी करू नका .सुरक्षा कारणास्तव स्क्रूच्या डोक्याला बाहेर ठेवू नका.


   निष्कर्ष: - ड्रिल असणा-या छिद्राचा आकार लहान असावा ज्यामुळे स्क्रू कडक घट्ट बांधण्यात येईल.
















-18

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
सोल्डरींग
दिनांक: -19 सप्टेंबर 2017

ध्येय: - सोल्डरींग कसे करावे

आवश्यकता: कंद तांबे क्यूबिक फ्लाक्स बनविण्यासाठी टिन बनविण्यासाठी मंद दिवा, पिंजर, सोल्डरिंग लोहा, हायड्रोक्लोरिक अॅसिड, सोल्डरिंग रॉड (लीड, जस्त, टिन) टिन शीट प्लेट.

कार्यपद्धती: -1) एक ग्लास घ्या आणि हायड्रोक्लोरिक ऍसिड घ्यावी.
                   2) कॉपरचे तुकडे गरम साठी लाइट दिवा लावणे मध्ये ठेवलेल्या आहे.
                 3) सोल्डर मिश्रित केलेल्या जागेवर ठेवली जाते. लाल गरम तांबे घन वापरून गरम केले जाते. कापड धातू तो परिपूर्ण soldered संयुक्त बनविण्यासाठी solidifies

निरीक्षण: -1) सोल्डरिंगसाठी फ्लक्सचा वापर कशासाठी केला जातो?
                      2) फॉक्स तयार करण्यासाठी ऍसिडचा वापर का केला जातो

निष्कर्ष: -        (1)दोन पत्रे येंक्त्रात जोडले.
                
                    2) हे कमी उष्णतेने केले जाऊ शकते
                    3) प्रक्रिया करणे सोपे असते.

प्रतिमा:-













बांधकाम व विटांची रचना अभ्यासणे

साहीत्य:- विटा , सिमेंट,वाळु,पाणि,इ.

साधने :- मेजरटेप,गोण्या,चाळणी,घमले,लेवलटूब,ओळंबा,दोरी.

हत्यारे :- खोरे ,हातोडी,थापी .

कृती :- 
          1) फ्लेमिंश बॉंड :- समोरून पाहिल्यास एका लहानशी रचना हेकर                                                                    बाजूस दुसरी बाजु दिसते .
    २) हेडर बॉंड :- या रचनेत विटांची हेडर बाजु या प्रमाणे अर्धा                                                                                   विटेवर दिसतो .
    ३) इंग्लिश बॉंड :-या रचनेत विटेची हेडर बाजु  जास्त दिसते.

   4)stature बॉंड :- 

सुतार कामातील हत्यारांची ओळख 

तारीख  :-20/Aug/2017

लक्ष :-सुतार कामातील हत्यारांची ओळख करून घेणे.

आवश्यकता: -सुतार कामातील सर्व हत्यारे .

माहिती :-

१)करवत :-आपण कार्वतीचा  वापर  लाकूड  कापण्या साठी होतो . कर्वतीचे दात v या शेप मध्ये असतात. व कर्वतीला दिवड ने धार              लावतात. 


2)रंदा:- आपण रंदा लाकडाचे कोणे काढण्यासाठी वापरतो. रंदा हा लाकडी                   व लोखंडी असतो. 




3)पटाशी:-लाकडाचा जादा भाग काढण्यासाठी व लाकडावर खाच  पडण्यासाठी पताशीचा वापर करतात. पताशीची रुंदी 3 कि.मी.मी. ते ३५मि.मी. येवडी असते. 


4)राउंड फायील :- पत्र्याचे किव्हा लाकडाचे कोणे गुळगुळीत करण्यासाठी याचा वापर होतो.



5)ऑयील स्टोन :- याचा वापर आपण पताशीला  व कोणत्याही वेपन धार लावण्यासाठी करतो. 




6)मॅलेट :-याचा वापर आपण पत्रा सरळ करण्यासाठी करतो. कारण हम्मेर ने पत्र्याला खाचा पडतात त्यामुळे मॅलेट वापरतात.

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7)अंबर:-याचा वापर वाकलेले खिळे काढण्यासाठी होतो. हा दिसायला पक्कड सारखा असतो.


8)हॅमर :-याचा वापर खिळे मारण्यासाठी होतो.व खिळे काढण्यासाठी होतो.


पायाची आखणी 

दिनांक: -01 ऑगस्ट 2017

आमचे ध्येय: - बेस लाईन कसे बनविणे आणि मार्क करणे

आवश्यकता: - थ्रेड, लाइन ट्यूब, स्पेल लेवल, वॉल्म्बा, टारशन बार, हॅमर व व्हाईट पावडर.

पध्दत: - 1) बार एक बाजू निश्चित करा आणि मापन द्या आणि दुसर्या बाजुला पिक्स करा.
                   2) मोजमापाच्या चौरस प्रकारामध्ये आपण फलांवरील 8 नोटा फिक्स करून थ्रेडसह संलग्न केले आहेत.
                   3) काटकोन काढा मग आम्ही एका बाजूची 4 मीटर दुसरी बाजू 3 मीटर आणि शेवटचा एक 5 मीटर लांब मोजतो.

साहित्याचा वापर: -
    थ्रेड: - आपण आमच्या बेसलाइनचे निराकरण करण्यासाठी थ्रेडचा वापर करतो
     लाइन ट्यूब: - आम्ही दुसऱ्या बाजूला एका बाजूला एक परिपूर्ण मापन करण्यासाठी रेखा ट्यूब वापरतो.
    वाळंबा : - वाळंबाचा  वापर खांब सरळ मध्यभागी निश्चित करण्यासाठी होतो .